दूर दूर तक विस्तृत मरुभूमि और वहाँ की रेत का एक एक कण जीवन से भरा, ये भूमि है राजस्थान कीI इस भूमि पर राजपूतों की वीरता, उनकी आन, बान और शान गीतों, कविताओं, किस्सों और कहानियों आदि के माध्यम से मुखरित होती रही हैI यहाँ वो राजघराने अभी भी जीवित हैं जिन्होंने राजस्थान की अनमोल थाती को सहेज कर रखा हैI ‘कलम’ का प्रारंभ इसी धरती से होता है और भारत के अन्य शहरों तक विस्तार को प्राप्त होता हैI